कचहरी कब्रिस्तान का एक दृश्य
भारत में कानपुर का कचहरी कब्रिस्तान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) द्वारा संरक्षित है। इसे गोरा कब्रिस्तान या पुर्तगीज कब्रिस्तान भी कहते हैं।
1765 में अवध के नवाब के द्वारा किए गए एक अनुबंध के उपरांत यूरोपियन पलटन कानपुर पधारी थी। उस समय यह तत्कालीन अफसरों एवं उनके परिवारों का कब्रिस्तान था। सन 1857 की क्रांति के बाद इसे कचहरी कब्रिस्तान के नाम से जाना गया क्योंकि उस समय फ्लैग स्टाफ बैरक्स 'कचहरी ला कोर्ट 'में परिवर्तित हो गए थे। यहां पर सन 1773 से 1856 तक के कुल 704 कब्र हैं जिसमें 251 कब्र लेख युक्त हैं।
कचहरी कब्रिस्तान के एक भाग का वीडियो
कानपुर के विषय में और अधिक बातचीत करने के लिए 17 जून, 2023 को मोतीझील, कानपुर में आयोजित होने वाले लोकल गाइड मीटअप में आपका स्वागत है।