अल्मोड़ा, उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित एक सुरम्य पहाड़ी नगर है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
अल्मोड़ा: एक संक्षिप्त परिचय
स्थान: अल्मोड़ा नगर समुद्र तल से लगभग 1,642 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह कुमाऊँ क्षेत्र का प्रमुख नगर है।
इतिहास: अल्मोड़ा की स्थापना 1568 में चंद वंश के राजा कल्याण चंद ने की थी। यह नगर कुमाऊँ साम्राज्य की राजधानी रहा है और यहाँ की सांस्कृतिक विरासत अत्यंत समृद्ध है।
भाषा: यहाँ की प्रमुख भाषा कुमाऊँनी है, जिसे अधिकांश स्थानीय निवासी बोलते हैं।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
नंदा देवी मंदिर: नगर के केंद्र में स्थित यह मंदिर देवी नंदा को समर्पित है और इसकी दीवारों पर सुंदर नक्काशी देखी जा सकती है।
चिटई गोलू देवता मंदिर: यह मंदिर न्याय के देवता गोलू देवता को समर्पित है और यहाँ भक्त अपनी मनोकामनाओं के लिए घंटियाँ चढ़ाते हैं।
कसार देवी मंदिर: यह मंदिर एक ऊँचे स्थान पर स्थित है और यहाँ से हिमालय की सुंदर दृश्यावलियाँ देखी जा सकती हैं।
जागेश्वर मंदिर समूह: यहाँ 124 प्राचीन शिव मंदिरों का समूह है, जो घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित है।
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य: यह अभयारण्य जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ से हिमालय की चोटियों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
हाल की पहल: डुनागिरी में हॉर्टी-टूरिज्म
डुनागिरी में 1.5 किलोमीटर लंबा एक बागवानी ट्रेल विकसित किया गया है, जहाँ सेब, आलूबुखारा और आड़ू के बागों के माध्यम से स्थानीय कृषि और जैव विविधता का अनुभव किया जा सकता है। यह पहल स्थानीय किसानों और कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है।
यात्रा जानकारी
कैसे पहुँचें: अल्मोड़ा सड़क मार्ग से नैनीताल, हल्द्वानी और काठगोदाम से जुड़ा हुआ है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो लगभग 90 किलोमीटर दूर है।
रहने की व्यवस्था: अल्मोड़ा में विभिन्न बजट के होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे उपलब्ध हैं, जहाँ से आप हिमालय की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।