आज की घुमक्कड़ी दिल्ली भारत मंडपम को जहाँ पर प्रदर्शित है
“न्याय प्रणाली में विश्वास का स्वर्णिम वर्ष”।
1 जुलाई से 6 जुलाई तक दिल्ली भारत मंडपम के हॉल संख्या 14 में “न्याय प्रणाली में विश्वास का स्वर्णिम वर्ष” मनाया जा रहा है।
यह प्रदर्शनी सबों को अवश्य देखनी चाहिए जिसमें न्याय व्यवस्था के हर इकाई को बहुत ही अच्छे तरीके से दिखाया गया है।
पुलिस की कार्यप्रणाली , जेल , न्यायालय , फोरेंसिक सारे कुछ मिलेंगे आपको इस प्रदर्शनी में।
इसमें नए आपराधिक कानूनों पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया।
तीन नए आपराधिक कानून :
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023- न्याय को अधिक नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए बनाए गए हैं।
नए कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय दृष्टिकोण से बनाए गए आधुनिक कानून भी लाये जाएंगे।
“पुराने कानून ब्रिटिश संसद ने अपने अपने हित में अपने शासन को बढ़ाने के लिए बनाए थे।
अब नए कानून चुनी गई सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए बनाए गए हैं।”
नए कानूनों का उद्देश्य समय पर न्याय सुनिश्चित करना है, जिसमें जांच, आरोप-पत्र, आरोप तय करना और निर्णय सुनाने के लिए सख्त समय सीमा निर्धारित की गई है।
आज से “पहले कोई नहीं जानता था कि न्याय कब मिलेगा। अब, एफआईआर चरण से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक समयबद्ध न्याय की गारंटी के लिए सिस्टम में सुधार किया जा रहा है।”
विशेष बात :
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर पहली बार एक अलग अध्याय शामिल किया गया है। कानून में अब आतंकवाद और संगठित अपराध को परिभाषित किया गया है जिसमें सजा के लिए सख्त से सख्त प्रावधान डाला गया है।
अभियोजन प्रणाली को मजबूत करने और सजा दर बढ़ाने के लिए अभियोजन निदेशक का एक नया पद भी बनाया गया है।
यदि भूख लग जाये तो उचित कीमत पर व्यंजन की भी व्यवस्था है।
कैसे पहुँचें :
मेट्रो : सुप्रीम कोर्ट
बस : सुप्रीम कोर्ट / तिलक व्रिज , बस संख्या 402 , 404 , 405 , 423 , 425 , 429 , 770 , 218 , 740 यहाँ से गुजरती है।
10 नम्बर गेट से प्रवेश करें।
शटल की व्यवस्था है पर आप शार्ट कट से पैदल भी जा सकते हैं।
समय : 9;30 से शाम 5 बजे तक