विश्वविख्यात बटेश्वर मदिर समुहोंसे केवल १०० मीटर की दूरीपर स्तिथ है गढ़ी पढ़ावली - एक ऐसा अजूबा जो दुनिया के नज़रों से दूर है फिरभी पत्थरों में तराशे असाधारण कला से रोशन है.
अजंता-एलोरा और खजुराहो के मंदिरों से भी बढ़चढ़कर एक ऐसा नंदी-मंडप है जहाँ एकही जगह पर आप पत्थरोंमें तराशी सैंकड़ो कहानियां देख सकते हैं.
इनमें प्रमुख हैं:
- शिव पुराण.
- विष्णु पुराण.
- कृष्ण लीला.
- ब्रम्हा, विष्णु, महेश अपने बचपन में, वयस्कता और बुढ़ापे में.
- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलयुग जैसे विभिन्न युगों से काम मूर्तिकला का चित्रण.
- शिव-पार्वती विवाह का जुलूस.
- रामायण की कहानियाँ.
- महाभारत की कहानियां.
- स्वर्ग और नर्क की विस्तृत कहानियाँ.
- विष्णु के दशावतारों की विस्तृत नक्काशी.
- समुंद्र मंथन.
- विभिन्न पौराणिक जीव जैसे किचक, शार्दुल आदि.
दो पत्थर सिमाओं द्वारा अभिवादन करने और गढ़ी में सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद आप एक प्रवेश द्वार देख सकते हैं.
यह चार मुख्य स्तंभों पर समर्थित अर्धमंडप और 16 खंभों पर समर्थित एक खुला मंडप है, जबकि गर्भगृह अस्तित्वहीन है.
मध्ययुग के किसी भयंकर भूकंप में मुख्य शिवमंदिर ढहकर उसके अवशेष भी विलुप्त हो गए.
अब केवल मण्डप बचा हुआ है, इसलिए आप कल्पना कर सकतें हैं कि मंदिर कितना भव्य रहा होगा.
19 वीं शताब्दी के प्रारंभ में धौलपुर के जाट राजा द्वारा छोटे किले या गढ़ी में तब्दील होने के कारण मंदिर को अब गढ़ी पढ़ावली के नाम से जाना जाता है.
25-30 फीट ऊंचे टीले पर स्थित इस आयताकार गढ़ी में एक मंदिर है, जो शिव को समर्पित है, जो संभवत: कच्छपघाटों द्वारा निर्मित है.
निचले collage में उपरवाले चित्र में शिव-पार्वती विवाह का चित्रण है और निचले चित्र में भगवान विष्णुके दस अवतारों को बखूबी तराशा गया है.
यात्रा के लिए Tips
• गढ़ी पढ़ावली मुरैना से बेहतर सुलभ हैं.
• यह ग्वालियर के उत्तर में लगभग 35 किलोमीटर या 22 मील और मुरैना शहर से लगभग 30 किलोमीटर या 9 मील पूर्व में है.
• मंदिर नूराबाद की ओर से करीब है.
स्मारक Tips
• वर्तमान में, कोई आधिकारिक गाइड सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन सुरक्षा गार्ड काफी जानकार है.
• यदि आप सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद उस स्थान पर पहुंचते हैं, तो सैकड़ों मोर देख सकते हैं
• मंदिर के बाहर पर्याप्त पार्किंग है.
• परिसर साफ है और प्रवेश द्वार के पास वॉशरूम और पानी की सुविधा है.
Accessibility Features for Garhi Padhavali
Ramp Access.
Wheelchair-accessible Entrance.
Wheelchair-accessible Restroom/Toilet.
Wheelchair-accessible Seating.
Wheelchair-accessible Parking.
आस-पास के आकर्षण
निम्नलिखित विश्व प्रसिद्ध धरोहर स्थल गढ़ी पढ़ावली के 30 किलोमीटर के दायरे में हैं:
1. ग्वालियर का किला
2. सहस्त्र-बाहु मंदिर
3. गोपाचल परबत
4. बटेश्वर मंदिर
5. चतुर्भुज मंदिर
6. ककनमठ मंदिर
7. एक्कातरसो महादेव मंदिर
क्या आप हाल ही में किसी जगह पर गए हैं जो आंशिक रूप से खंडहर था? मुझे जानने में दिलचस्पी होगी।
तब तक करिये… दिल खोलकर Guiding