I wrote this poem after my breakup
वक्त ने किया ऐसा सितम, पागलो के जैसे हो गए है हम
अपनो ने सब अच्छा किया, मैंने उन्हें हमेसा धोका ही दिया।।
जिसे चाहते थे दिलो जान से उसे पा न सके
पाते भी तो कैसे ,इस प्यार के आगे अपने ही खड़े
लड़ते किस किस से अपनो की इस जंग मैं
सब अपने ही थे प्यार की इस जंग मैं
प्यार मेने भी किया , प्यार उसने भी किया
लेकिन समाज के जातिवाद ने हमे मिलने ना दिया
अब तो दुआ है , जहा भी रहे वो खुस रहे
मैं रहू या ना रहू, वो मुस्कुराती रहे।।
समय के साथ हम भी आगे बढ़ जाएंगे
किसमत मैं जो लिखा है वो कर जाएंगे
कोई बैठा है इंतज़ार मैं ये क्या कम है
अब उनके ही हमसफर बन जाएंगे
माना कि रात बहुत काली है लेकिन सुबह तो आएगी
हमारी ना सही उनकी दुआ जरूर काम आएगी
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