::बिजली महादेव मंदिर::
कुल्लू, हिप्र
आज मंदिर, वो भी मात्र एक।
ये तो एक बहाना था, लेकिन बड़ी और बहुत आनन्द की बात ये थी , कि इससे जुड़ी थी ३. ७५ किमी की ट्रैकिंग, और अन्त में बहुत ही आस्था के केन्द्र मंदिर के दर्शन और सभी लगभग २६ लोगों की उत्साह बर्धक बिषम/ कठिन यात्रा पूरे होने का उल्लास।
लगभग ८१ मंज़िल की चढ़ाई के बराबर।
… और वहाँ एक ओर उत्तर में पूरे स्पष्ट हिमालय दर्शन( आज बादल पूरी तरह नदारद) और दूसरी ओर , उतनी ऊँचाई से व्यास नदी के लगभग १५ किमी दूरी के बहाव के दर्शन, जिसमें कुल्लू, भुन्टर हवाई पट्टी।
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मंदिर तक पहुँचने के लिये केम्प से लगभग २६ किमी बस की यात्रा, उसके बाद सीधी चढ़ाई पर पैदल यात्रा, लगभग २ घंटे की। पैदल यात्रा तो खुले जंगल के साक्षात दर्शन से भरपूर है ही, फोटोज् से आपको लगेगा। लेकिन बस यात्रा बहुत संकरा रोड होने से, अधिक समय लेने वाला था! खिड़की का शीशा बंद नहीं तो सेब की डाले गाल छील दे, यात्री बस सामने से निकले तो लगे कि यात्री एक दूसरे को चूम लें, इतने करीब, लगभग छूते हुऐ।
बस यात्रा मे नाशपाती आड़ू अनार और अखरोट शैशव अवस्था में और बेशुमार सेव और रेलमंत्री फूल निषेचन स्थिति में। अगस्त तक फलों की बहार होगी।
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यात्रा के फोटोज् , बहुत संभव है, प्रकृति के कुछ करीब लाये, या आपकी यादों को ताज़ा करें, या फिर ऊधर जाने को प्रेरक बनें।
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फोटो यात्रा कीजिये, अब।